गुरुवार, 8 जुलाई 2021

तेरी बस याद आती है कोई पैगाम ना लाती

कई नग्में यहां लिखी
कई गजलें भी गाई है
तेरी यादों की गीतों को
पलकों पर सजाई है।

तेरी मुस्कान लिखी है
तेरा पहचान भी गया
कितने रह गए बाते 
बिना बोले बिना सुने।

तेरी याद का क्या है
उसे हर वक्त आना है
कभी खुशियां भी लाती है
कभी आशूं भी आना है।

तेरी  बस याद आती है कोई पैगाम ना लाती 
तेरी  बस याद आती है कोई पैगाम ना लाती ।

कैसे सो रहे तुम बीन
कैसे जग रहे तुम बीन
कैसे हस रहे तुम बीन 
कैसे रो रहे तुम बीन

हमारे प्यार के किस्से अधूरे रह गए तुम बिन
अधूरे रह गए तुम बिन ,  अधूरे रह गए तुम बिन

कहीं पे खॉब टूटी है
कहीं पे बात झूठी है
कभी भी मैं नहीं रूठी
तुम्हें हर पल मनाया है ।

कई नग्में यहां लिखी
कई गजलें भी गाई है
तेरी यादों की गीतों को
पलकों पर सजाई है।





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