रविवार, 25 जुलाई 2021

बिटिया रानी के लिए

 छम - छम  छम - छम पायल बाजे
उसकी धुन पे  बिटिया नाचे 
तोतली बोली मन को मोहे
कभी रूठे कभी मुस्काएं।

घर - आंगन को चहकाए
बात - बात पे उधम मचाए
प्रश्नों की अंबार लगाती
बड़े प्यार से पास बुलाती

माँ तुम मेरे पास आ जाओ
संग में थोड़ी पानी लाओ
मेरा खिलौना टूट गया
मेरा  गुड्डा रूठ गया।

तुम इसको अपने गोद में लो
इसको थोड़ी दूध दो
नहीं तो ये रोएगा
संग मेरे नहीं खेलेगा।

मैं दादा के संग जाती हूं
चॉकलेट ले के आती हूं
मेरे लिए पूरी पकाना
मुझे रोटी नहीं है खाना।

बिरभद्रा कुमारी


" *आप अपना कॉमेंट देना ना भूलें"* ❤️🙏🌹
     पसंद आए तो दोस्तों को भी शेयर करे

अधिक कविताएं पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करे
https://hindikavitawittenbybir.blogspot.com
https://lovetoeachotner.blogspot.com
https://myfeelingsseeonthis.blogspot.com


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें