"शिक्षा"
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विद्यालय बना पाठशाला से स्कूल
गुरुजी बने अध्यापक से शिक्षक
शिष्य/शिष्या बना विद्यार्थी से छात्र /छात्रा
विद्या बना अध्ययन से शिक्षा ।।
शिक्षा हमें सिखाती है
स्वभाव में नम्रता
बानी में मधुरता
व्यवहार में सालिनता
सही गलत का निर्णय लेना
नई खोज ,नई अविष्कार।
शिक्षा हमें प्रदान करती है
मान - सम्मान
मेरी पहचान
अच्छे रोजगार का अवसर
जिंदगी जीना आसान ।
शिक्षा से मिलती है
इतिहास, भूगोल, संस्कृत,
गणित, विज्ञान, कला,
संगणक का ज्ञान।
आज शिक्षा को जरूरत है
संस्कार और सद्दभावों की।
किताबों के पन्नों में
आधुनिक शिक्षा के चक्कर में
भूल गए संस्कारों को।
अपने को शिक्षित कहने वाले
ने ही तो जन्म दिया भ्रष्टाचारों को
शिक्षा की आधुनिक होना
बढ़ाई बेरोजगारी को।
अच्छे शिक्षा के लिए
बच्चें को भेजे इंग्लिश स्कूल
वहां तो बच्चों ने सीखी
गुड मॉर्निंग, गुड इवनिंग
गुड मॉर्निंग, गुड इवनिंग
के चक्कर में
बड़ों के आगे झुकना भूल गए
बड़ों का आदर भूल गए।
आज तो शिक्षा रह गई कागज़
के टुकड़ों में,
वो तो सिर्फ दिखती है
मार्कशीट के पन्नों में
शिक्षा को तो तोलते शौहरत
और अमीरी से ।
शिक्षा तो लुप्त हो रही हमारे घर की आंगन से
अब तो शिक्षा के नाम पर चलती बस दुकान है।
हमें आज जरूरत है शिक्षा को बचाने की,
सीखने की , सिखाने की
आधुनिक शिक्षा और संस्कार की शिक्षा
मिलाकर एक साथ।
बीर भद्रा कुमारी
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