हंसते - हंसते आंसू का
व्यापार कर गए
लबों की जाम पे प्यार से
मेरे दिल को बेच दिए
व्यापार कर गए
लबों की जाम पे प्यार से
मेरे दिल को बेच दिए
इश्क में जज्बात हो गए
जिसे आशिक़ समझे वो
तो व्यापारी निकल गए
कब बोली लगा दी
दिल के तरानों की
जब ढूंढने लगे तो
गिरवी निकले पैमाने की
मुहब्बत के नाम पर
कर लिया व्यापार
खुशी के नाम पर
आसूं दिया बेशुमार
अब तो मेरी गली से गुजरना
छोड़ दिया डर है कहीं मैं
पहचान न लूं, एक मैसेज तो दूर
कॉल उठाना छोड़ दिया ।
बिरभद्रा कुमारी
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