दूर तुम रहे मुझसे
मैं तो तेरे पास रही ।
मैं तो तेरे पास रही ।
तुम अपने निंदो में सोया
मैं खब्बों में जगी रही।
तुम मगरुर हुए दुनियां में
मैं प्यार में मशहूर रही।
तुमने साथ छोड़ा है मेरा
मैं कब तुमसे अलग हुई।
तुम बोले बातो को न समझा
मैं तो मौन की शब्द बनी।
तुमने तो मुहब्बत सिखलाई
फिर तड़पड़ता छोड़ दिया।
यादों ने तो साथ निभाया
कभी आंसू, कभी मुस्कान दिया।
बिरभद्रा कुमारी
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