शुक्रवार, 16 जुलाई 2021

तुम्हें भूलने की तमाम कोशिशें नकाम रहती है
ना चाहते हुए भी तेरी ही मुस्कान दिखती है
मैं भी भूल जाऊ तुम्हें पर भुलू कैसे 
हर सांस में धड़कन तेरी ही धड़कती है।

 हमारे पीर का मंदर यादों का समंदर है
कोई मन को छुआ है तो कोई  दिल के अंदर है
कैसे भूल के जी लू तुम्हारी प्यार की बातें
वो जो मैंने सुनी थी बिना बोले ही बातों को
तुझे तो छोड़ने की पहल मेरी तरफ सी थी 
मुझे तब मालूम ना था की ये तेरी जरूरत है।


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