मुहब्बत है अगर मुझसे कभी
मिलने भी आ जाओ
मेरी हालत तो देखो की
कैसे हो गए तुम बिन
मिलने भी आ जाओ
मेरी हालत तो देखो की
कैसे हो गए तुम बिन
मेरे जख्मों को भी देखो कैसे
लहलहाते है
थोड़ी मरहम की है जरूरत
थोड़ी स्नेह तो दे दो
कभी भी कुछ नहीं मांगा
थोड़ी मिलने तो आ जाओ
आंसू नहीं आती वो भी
रूठ गई मुझसे
मुझे तो प्यार है तुम से बस प्यार है तुमसे
मुहब्बत तुमने सिखलाई
क्यों रूठे हो तुम मुझसे
कभी मिलने भी आ जाओ
मुहब्बत है अगर मुझसे
बिरभद्रा कुमारी
" *आप अपना कॉमेंट देना ना भूलें"* ❤️🙏🌹
पसंद आए तो दोस्तों को भी शेयर करे
अधिक कविताएं पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करे
https://hindikavitawittenbybir.blogspot.com
https://lovetoeachotner.blogspot.com
https://myfeelingsseeonthis.blogspot.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें