बुधवार, 28 जुलाई 2021

 मुहब्बत है अगर मुझसे कभी
 मिलने भी आ जाओ
मेरी हालत तो देखो की
कैसे हो गए तुम बिन

मेरे जख्मों को भी देखो कैसे 
लहलहाते है
थोड़ी मरहम की है जरूरत 
थोड़ी स्नेह तो दे दो

कभी भी कुछ नहीं मांगा
थोड़ी मिलने तो आ जाओ
आंसू नहीं आती वो भी 
रूठ गई मुझसे

मुझे तो प्यार है तुम से बस प्यार है तुमसे
मुहब्बत तुमने सिखलाई
क्यों रूठे हो तुम मुझसे
कभी मिलने भी आ जाओ
मुहब्बत है अगर मुझसे

                  बिरभद्रा कुमारी

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