खुशियां है कम गम है ज्यादा
जीवन जीने का क्या है इरादा
अपनों ही के बीच तन्हा खड़ा है
जिन्दगी का सफ़र झमेला बड़ा है।
खुश रहने की कोशिशें बस करते
खुश कैसे रहा जाय ताउम्र तलास्ते।
जीवन का भरोसा ही क्या है
आज मुस्कुरालें कल का क्या है।
जख्मों पे मरहम की कमी है
अपनों ही पत्थर की बनी है।
जख्मों के मेले में कुछ ऐसा ही कर लो
हंस कर ही जी लो हर पल जिंदगी के।
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