गुरुवार, 3 नवंबर 2022

  हमारी मिलन तड़प बन गई

आपकी यादें चुभन बन गई

भूलना भी बहुत मुश्किल सफर है

संग बीते हर लम्हा नज़्म में ढल गई।


बात दिल की बताऊं मैं कैसे

हालातों को दिखाऊं मैं कैसे

समय की रुख में नमी की कमी है

मेरी जिंदगी में बस तेरी बंदगी है

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