किसी को प्यार है मन से
किसी को प्यार है तन से
किसी को इश्क गीतों से
कोई गजलों से करता है।
कोई नग्में सजाती है
कोई प्रेम है पीता
कहीं अनुभव की तानें है
कहीं भावों की सुंदरता ।
यहाँ तो हर कोई आशिक़
मुहब्बत ही मुहब्बत है।
किसी को प्यार है तन से
किसी को इश्क गीतों से
कोई गजलों से करता है।
कोई नग्में सजाती है
कोई प्रेम है पीता
कहीं अनुभव की तानें है
कहीं भावों की सुंदरता ।
यहाँ तो हर कोई आशिक़
मुहब्बत ही मुहब्बत है।
किसी की प्यार की बातें
कोई ज़ख्मों को सीचें है
कोई विरह में है तड़पे
कोई यादों में सोता है।
कोई खाब्ब में डूबें
कोई लहरों पे इतराता
किसी की दिल पे न काबू
नसें में ही है सब झूमें।
कोई महबूब को ढूंढे
कोई महबूबा में है डूबे
यहाँ तो हर कोई आशिक़
मुहब्बत ही मुहब्बत है।
कोई लब को छुआ है
कोई दिल को भी छू लेता
कई खाब्बों में बस जाता
कई नींदो में आते है।
कभी दिल की आंगन में
शहनाई सी गूंजती है
कभी पलके भिंगोती है
कभी दुल्हन सी शर्माती।
यहाँ तो हर कोई आशिक़
मुहब्बत ही मुहब्बत है।
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