मंगलवार, 27 जुलाई 2021

प्यारी बिटिया के लिए


प्यारी गुड़िया नन्ही परी
मां की आखों के तारा
पापा की दुलारी है
नखरे की महारानी है
बात - बात में आंसू का व्यापार कर लेती 
अपना बात पल में माना लेती ।

सब के मन मोह लेती अपनी मुस्कान पे
दादा - दादी को रिझा लेती  
चाय - चश्में की दाम पे
पायल की धुन पे नाचती
प्रश्नों की अंबार लगाती।

बड़े प्यार से पास आती
मीठी - मीठी गीत सुनाती
दादा - दादा बात सुनो मेरी
बहुत दिन हो गया 
थोड़ी नानी से मिल आती हूं
बाजार घूम के आती हूं
तुम बिल्कुल नहीं रोना 
दो दिन में वापस आ जाऊंगी
साथ खिलौने लाऊगी
 तेरे संग में खेलूगी।

                      बिरभद्रा  कुमारी


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