मंगलवार, 20 जुलाई 2021

तुम अगर मिलो जरा

रूप खिले धूप में
पांव पड़े छांव में
मन मग्न हो जाएंगी
तेरी मुस्कान में ।

नगमें गुनगुनाईगी
पलके झुक जाएंगी
आंखे शर्माएगा
तुम अगर मिलो जरा।

ओंठ खुल जाएगा
शूल छुप जाएगा
आंसू रुक जाएगा
तुम अगर मिलो जरा।

चूड़ियां खनक जाएगी
जुल्फ  लहराएगा
गजरे महक जाएगी
तुम अगर मिलो जरा।

नुपूर झनक जाएगी
मेंहदी रच जाएगी
बिंदया सज जाएगा
तुम अगर मिलो जरा।

बहारे आ जाएगी 
मौसम बदल जाएगा
धूप  झिलमिलाए गी
तुम अगर मिलो जरा।

 







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