मेरे देश की मिट्टी में
खुशबू आती है
बलिदान की, सर कलाम की
मुहब्बत के पैगाम की।
खुशबू आती है
बलिदान की, सर कलाम की
मुहब्बत के पैगाम की।
इस मिट्टी से तिलक करो
ये मिट्टी है बलिदान की
मिट्टी भी रंग जाती है
वीरों की लहू के रंग से।
इस मिट्टी को नमन करो
ये मिट्टी हिंदुस्तान की
हम भारत वासी है
प्रेम बसे इंसान की।
इस मिट्टी पे जन्म हो फिर से
अमर शहीद बलिदान की
मां का गौरव बना रहे
जो जन्म दी वीर संतान को।
जब तक सूरज चांद रहे
शान रहे , मान रहे , अभिमान रहे
मेरे हिंदुस्तान की!
इस मिट्टी से तिलक करो ये
मिट्टी शहीदों के बलिदान की।
हर स्वर में जय गान रहे
हर दिल में प्रेम बसे
मेरे भारत महान की
इस मिट्टी को नमन करो
ये मिट्टी हिंदुस्तान की।
बिरभद्रा कुमारी
Nice but cherish it for the best
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