मंच को नमन करते हुए अपनी रचना प्रस्तुत कर रही हूं🙏
आजादी की गाथा गाएं
बलिदानी वीरों पर शीश नवाएं
बलिदानी वीरों पर शीश नवाएं
नमन वीर जवानों को
जो बली देदी प्राण की
हंसते - हंसते फांसी झूल गए!
इतिहासों को स्वर्णिम करदी
अपने लहू के दम पे
आजादी के इस अवसर पर
नमन करें वीर बलिदान को।
जो बली देदी प्राण की
हंसते - हंसते फांसी झूल गए!
इतिहासों को स्वर्णिम करदी
अपने लहू के दम पे
आजादी के इस अवसर पर
नमन करें वीर बलिदान को।
नमन उस वीर जवानों को जो
बर्फीली घाटी में भी तने रहे
हर पल रक्षा करे हमारी
अपने खून की उबाल से
शहीद होकर भी तिरंगा
लहराएं आसमान में।
बर्फीली घाटी में भी तने रहे
हर पल रक्षा करे हमारी
अपने खून की उबाल से
शहीद होकर भी तिरंगा
लहराएं आसमान में।
हर स्वर में बजती रहे गाथा
भगत सिंह ,आजाद की
हम रहें, न रहें मेरा देश आजाद रहे
तिरंगा की शान रहे, मान रहे,
हिन्दुस्तान महान् रहे
गली - गली में जय गान रहे
बंदे मातरम बंदे मातरम
बंदे मातरम
भारत माता की जय
भगत सिंह ,आजाद की
हम रहें, न रहें मेरा देश आजाद रहे
तिरंगा की शान रहे, मान रहे,
हिन्दुस्तान महान् रहे
गली - गली में जय गान रहे
बंदे मातरम बंदे मातरम
बंदे मातरम
भारत माता की जय
बिरभद्रा कुमारी
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