गुरुवार, 9 दिसंबर 2021

नारी का सम्मान

 नारी का सम्मान

*******

नहीं चाहिए मुझे सम्मान

पर अपमान स्वीकार नहीं।


नहीं चाहिए मुझे पुरस्कार

पर तिरस्कार स्वीकार नहीं।


नहीं चाहिए मुझे आजादी

पर जंजीर स्वीकार नहीं।


नहीं चाहिए उपमा लक्ष्मी, दुर्गा

पर अत्याचार स्वीकार नहीं।


नहीं चाहिए चांद और तारा

पर सिर्फ धूल स्वीकार नहीं।


गर्भ से ही मारना चाहा

पर अब ए स्वीकार नहीं।


नारी का सम्मान करो

नन्हीं कली से चहके आंगन

यौवन दहके युवती से

घर में खुशहाली है लाती जब

बन आती दुल्हन वो

घर सुहाना करती नानी दादी

अपने प्रित कहानी से।


नारी पुरुष सभी से विनती

मत कुचलो सृष्टि के उपकारी को।


वादा करो अपने आप से

सम्मान नहीं देना हो मत देना

पर अपना न करना नारी का।


बिरभद्रा कुमारी












 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें