गुरुवार, 9 दिसंबर 2021

गुमशुदा

 गुमशुदा

****"

इश्क का दीदार, क्या खुब किया

पागल बना दिया, फिर गुम हो गया।


कहां ढूंढे तुझे, किस गली में

गुमशुदा हो कहां, पूछे किसे ।


कोई पैगाम दे देता, इंतजार नहीं रहता

मेरा नहीं हो तुम, दिल को समझा लेते।


 मेरी गुमशुदगी की खबर, तक नहीं मुझको

कहां गुमशुदा हो तुम, पागल बना मुझको।


बिरभद्रा कुमारी


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