विषय- गुरु नानक जयंती
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कार्तिक पूर्णिमा के दिन,जयंती मनाते है
भजन कीर्तन करते है, खुशी से खुब गाते है।
सुंदर मार्ग दिखलाया ,सतभावो को सजाया है
गुरुद्वारा बन बाया, सभी को भोजन करवाया।
सत मार्ग सिखलाया,ईश्वर का साक्षात्कार कर आया
मंत्र ओंकार दे कर के,मानव को प्रेम सिखाया।
जाति - पाति का भेद छोड़ कर ही
प्रेम से ईश्वर मिलते है, यही सबको समझाया।
जो उनके राह पे चलते, कभी दुःख नहीं पाते,
ओंकार मंत्र सभी कष्टों को मिटाते है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन, जयंती मनाते है,
गुरु नानक देव जी को सत सत नमन करते हैं।
बिरभद्रा कुमारी
जिला- मुंगेर (बिहार)
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