रविवार, 20 नवंबर 2022

 किसी को इतना भी परेशान न करो की

उसकी एक झलक आपकी तड़प बन जाय 

फिर जितना मर्जी आवाज लगा लो

उसके कान तक पहुंचने से पहले

आपकी की पुकार गुम हो जाय।

मंगलवार, 15 नवंबर 2022

 मैं भी चाहती हूं की तुम्हारी तरह बन जाऊं

तुम आवाज़ लगाओ मैं अनसुनी कर जाऊं।


मेरा दिल तुम्हारे तरह कठोर नहीं बन पाता 

भूल न जाऊं तुमको  सोच कर दिल घबराता।


रोज तुम्हें याद दिलाने के लिए नमस्कार करती हूं

मैं भूली नहीं हूं बताने के लिए कविता लिखती हूं।


कुछ जबाव भी मिल जाता तो शकुन मिलता

मेरा लिखा सार्थक हो जाता, 

दूर ही सही पर पास होने का ऐहसास हो जाता।

गुरुवार, 3 नवंबर 2022

  हमारी मिलन तड़प बन गई

आपकी यादें चुभन बन गई

भूलना भी बहुत मुश्किल सफर है

संग बीते हर लम्हा नज़्म में ढल गई।


बात दिल की बताऊं मैं कैसे

हालातों को दिखाऊं मैं कैसे

समय की रुख में नमी की कमी है

मेरी जिंदगी में बस तेरी बंदगी है

बुधवार, 26 अक्तूबर 2022

 Radhe Radhe 🙏


आज थोड़ा नोंक झोंक कर लेते हैं

कल चले जाएंगे तो याद रखना ।


अपना तो कुछ है नहीं  

न घर - परिवार, न ये सुंदर शरीर

 जब जल जाएं तो 

ये अल्फाज याद रखना।


कल का भरोसा नहीं

आज कुछ कह लें

भूल जाएं तो याद रखना।


समय के साथ सब बदलता है 

नजरें धूमिल हो जाएं तो 

ये मुस्कान याद रखना।


आप सभी के स्नेह का आभारी

🙏🙏🙏

Birbhadra Kumari

बुधवार, 19 अक्तूबर 2022

 

मुबारक हो तेरी सफ़र ये सुहानी
अपनी तो मुलाकात हुई है पुरानी।

ख्यालों से जुदा भी होने लगें है
धड़कन भी अब तो रोने लगें है।

बड़ा नाजुक था जिन्दगी का ये सफ़र
न जाने कब टूटा और गया यूं बिखड़।

टूटने से पहले चटकी भी नहीं है
बिखरने से पहले भटकी नहीं है
संभालने की कोशिश की भी नहीं है।

चुप चाप यूंही देखते रह गए
कदम भी ठहरे का ठहरे रह गए।

खैर इन बातों में रखा ही क्या है
चाहत का शीला दर्द में ही पला है।

अपनी तो हर ज़ख्म
नज़्म और शायरी में ढला है।

आप सभी के स्नेह का आभारी हूं
Radhe Radhe 🙏
Birbhadra Kumari

सोमवार, 17 अक्तूबर 2022

 खुशियां है कम गम है ज्यादा

जीवन जीने का क्या है इरादा


अपनों ही के बीच तन्हा खड़ा है

जिन्दगी का सफ़र झमेला बड़ा है।


खुश रहने की कोशिशें बस करते

खुश कैसे रहा जाय ताउम्र तलास्ते।


जीवन का भरोसा ही क्या है

आज मुस्कुरालें कल का क्या है।


जख्मों पे मरहम की कमी है

अपनों ही पत्थर की बनी है।


जख्मों के मेले में कुछ ऐसा ही कर लो

हंस कर ही जी लो हर पल जिंदगी के।